प्रमुख शास्त्रीय नृत्य -
- (1) भरतनाट्यम (तमिलनाडु )
- (2) मोहिनीअट्टम (केरल)
- (3) कथकली (केरल)
- (4) कुचिपुडी (आंध्रप्रदेश )
- (5) कत्थक (उत्तर प्रदेश)
- (6) ओडिशी (ओड़िशा)
- (7) मणिपुरी (मणिपुर )
- (8) सत्रिया (असम)
(1) भरतनाट्यम - सोनल मान सिंह, यामिणी कृष्णमूर्ति, रुक्मिणी देवी अरुण्डेल, कोमल वर्धन, गोविंद, शांता, टी बालासरस्वती, पदमा सुब्रह्मण्यम, वी पी धनंजयन,
मीनाक्षी श्रीनिवासन, एस के सरोज, गीता चंदन, आनंद शंकर जयंत, मीनाक्षी सुंदरम पिल्लई, अनलिम वल्ली, रामगोपाल, लीला सैमसन, मृणालिनी साराभाई, वैजंतीमाला बाली, मालविका सरकार, प्रियदर्शिनी
(2) मोहिनीअट्टम - यामिणी कृष्णमूर्ति, श्रीदेवी, हेमामालिनी, कलामंडलम कल्याणी अम्मा, शांताराव, कलामंडलम क्षेमवती, डॉ सुनंदा नायर, जया प्रभा मेनन, स्मिता राजन, राधा दत्ता
(3) कथकली - उदयशंकर, आनद शिवरामन, बल्लतोल नारायण मेनन, कृष्णनकुट्टी, कृष्ण नायर, शांताराव, मृणालिनी साराभाई, गोपीनाथ
(4) कुचिपुड़ी - यामिणी कृष्णमूर्ति, लक्ष्मी नारायण शास्त्री, राधा रेड्डी, राजा रेड्डी, स्वप्नसुंदरी, वेदांतम सत्यनारायण, वेम्पत्ति चेनास्वामी हलिमखान, अर्पणा सतीसन
(5) कत्थक - बिरजू महाराज, लच्छु महाराज, सुरतदेव महाराज, चंद्रलेखा बिन्दादीन महाराज, अच्छन महाराज, नलिनी अस्थाना, कमलिनी अस्थाना, सितारा देवी, शोभना नारायण,
मालविका सरकार, प्रेरणा श्रीमाली, नारायण प्रसाद, मंजुश्री टर्जी, कुमदिनी लखिया, कालिका प्रसाद, विद्या गौरी अड़कर, रोशनी कुमारी
(6) ओडिशी - सोनल मान सिंह, संयुक्त पणिग्राही, हरेकृष्ण बेहरा, किरण सहगल, कालीचरण पटनायक, इंद्राणी रहमान, दुर्गाचरण रणवीर, रानी कर्ण,
माधवी मुदगल, शर्मीला विश्वास, सुजाता महापात्रा, मोहन महापात्रा, मिनाती मिश्रा, कुमकुम मोहंती
(7) मणिपुरी - गुरु बिपिन सिंह, गुरु अमली सिंह, नलकुमार सिंह, राजकुमार सिंघ जीत सिंह,एल बिनो देवी, कलावती देवी, बिम्बावती, सविता मेहता,
निर्मला मेहता, चारु माथुर, गुरु नीलेश्वर मुखर्जी, सोनारिक सिंह, गोपाल सिंह, आतम्ब सिंह, नयना झावेरी, रंजना झावेरी, सुवर्णा झावेरी, दर्शना झावेरी
(8) सत्रिया - श्रीमत शंकरदेव, गुरुजतिन गोस्वामी, शारोदी सौकिया, प्रभात शर्मा, गहन चंद्रा, गोस्वामी मणिक बाखयान, परमान्दा बाखयान
(1) भरतनाट्यम -
-
ईस नृत्य की उत्त्पति चोल काल के दौरान हुई थी, भरतनाट्यम को सात क्रमो में किया जाता है -
(1) अलारीप्पू - इसमें नृत्य की शुरुआत हेतू वंदना की जाती है।
(2) जातिस्वरम - इसके अंतर्गत नृत्य में ताल, सुर और शारीरिक क्रियाएँ की जाती है।
(3) शब्दम
(4) वर्णम
(5) पदम - पदम् का अर्थ अभिनय अथवा रस की भावात्मक अभिव्यक्ति है। इसमें प्रार्थना और समर्पण की भावना निहित है।
(6) थिलना - थिलना का अर्थ है नृत्य की समाप्ति जो गीत ताल आदि क्रियाकलाप से होती है।
(7) श्लोकम या मंगलम - श्लोकम या मंगलम नृत्य का अंतिम क्रिया होता है, जो श्लोक के रूप में किया जाता है।
-
भरतनाट्यम में धुन के लिये कर्णाटक संगीत का प्रयोग किया जाता है।
-
भरतनाट्यम में संगीत के साथ हिन्दू देवी देवताओं की पौराणिक कथायें भी शामिल होती है।
-
यह एकल एवं समूह में किया जाता है।
(2) मोहिनीअट्टम -
-
मोहिनीअट्टम मंत्रमुग्ध कर देने वाला नृत्य है इसे केरल में महिलाओं द्वारा किया जाता है।
-
मोहिनीअट्टम कर्णाटक संगीत पर आधारित है।
-
यह एक लास्य नृत्य है जिसे सात क्रमों में पुरा किया जाता है।
(1) छोलकेटू
(2) जातिस्वरम
(3) वर्णम
(4) पदम्
(5) विलोना
(7) श्लोकम
(8) सत्तम
-
इस नृत्य के दौरान नृत्यांगना हलके सफ़ेद रंग की साड़ी पहनती है जिसे केरल कसावू साड़ी कहते हैं। ( यह एक महिला प्रधान नृत्य है )
(3) कथकली -
-
कथकली केरल का प्रिसिद्ध शास्त्रीय नृत्य है इसे प्रमुख तौर पे पुरुषो द्वारा किया जाता।
-
कथकली नृत्य के दौरान चेहरे पर मुखौटा तथा विशेष वेशभूषा धारण किया जाता है।
-
इस नृत्य में मार्शल आर्ट एवं दक्षिण भारत की खेलकुद जैसी क्रियायें सम्मिलित होती हैं।
-
नर्तक अभिनय के दौरान पात्र के भाव की अभिव्यक्ति इशारों एवं शारीरिक मुद्रा की सहायता से करता है।
(4) कुचिपुड़ी -
-
कुचिपुड़ी आँध्रप्रदेश का प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य है।
-
भगवद एवं पुराण इसका मुख्य आधार है, इस नृत्य का मुख्य उद्देश्य अध्यात्म का प्रचार प्रसार है
-
इस नृत्य में संस्कृत एवं तेलुगू भाषा का प्रयोग होता है।
-
यह नृत्य तांडव एवं लास्य का परिचायक है, इसमें कर्णाटक संगीत का प्रयोग होता है।
(5) कथक -
-
कथक उत्तर भारत विशेषकर यू पी का मुख्य नृत्य है। इस नृत्य को भगवान कृष्ण द्वारा किया गया था
-
लखनऊ घराना, बनारस घराना एवं जयपुर घराना कत्थक नृत्य से सम्बंधित हैं, हर घराने की अपनी विशेष शैली है।
-
पैरो में घुंघरू एवं शरीर को चारो और चक्कर लगाना इस नृत्य की प्रमुख विशेषता है।
-
कथक नृत्य की वेशभूषा लम्बी कमीज़,चूड़ीदार पजामा होती है एवं ओढ़नी को कमर पर बंधा जाता जिससे चारो ओर घूमने पर कोई परेशानी न हो।
(6) ओड़िशी -
-
ओडिशा का यह नृत्य शैली पूर्ण रूप से आध्यात्मिक है एवं भगवन जगरनाथ को समर्पित है इसे ओरीली नृत्य भी कहा जाता है।
-
इस नृत्य का आधार भाव भंगिमा है, जिसमे अंग संचालन, नेत्र एवं जिह्वा द्वारा भाव भंगिमा को प्रदर्शित किया जाता है, इसमें हस्त मुद्रा एवं पद संचालन द्वारा भी भाव भंगिमा प्रदर्शित किया जाता है
-
इसे अधिकतर महिला नर्तकी एकल एवं समूह में करते हैं परन्तु आजकल लड़के भी इसमें भाग लेते हैं।
-
ओडिशी नृत्य को प्रदर्शित करने के लिये कलाकार रंगीन पट्टा साड़ी पहनते हैं जो ओड़िशा में ही बना हुआ हो एवं बालों को बांध कर फुल लगाया जाता है, कानो पर विशेष गहना पहना जाता है जिसे कापा कहा जाता है
(7) मणिपुरी -
-
मणिपुरी नृत्य को वहां के शासक भाग्यचंद्र ने विकसित किया है, यह एक प्रकार का एक रासनृत्य है इसमें विभिन्न प्रकार के रासो का प्रदर्शन किया जाता है
-
कलाकार राधा, कृष्ण एवं गोपियों का स्वरुप धारण कर नृत्य प्रस्तुत करते हैं इसे मुख्य रूप से भक्ति रस में किया जाता है, एवं उनके बाल्यकाल की कहानियों को प्रदर्शित करते हैं।
(8) सत्रिया -
-
सत्रिया नृत्य की खोज संत श्रीमत शंकरदेव ने लगभग 500 वर्ष पूर्व की थी, संतरास नामक समूह द्वारा राम और सीता, कृष्णा और राधा के जीवन को इस नृत्य द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
-
इस नृत्य के द्वारा हिंदुत्व की सीख एवं असम की सांस्कृतिक विरासत को अभिव्यक्त किया जाता है इस नृत्य में पुरुष एवं स्री दोनों द्वारा किया जाता है
-
यह नृत्य माटी अखोटा नामक व्यायाम शैली पर आधारित है इस नृत्य में हाथो एवं पैरो की अनेक मुद्रा तथा हाथ एवं गर्दन के इशारे आदि सम्मिलित हैं।
-
इस नृत्य में वायलिन, हारमोनियम, शंख, तानपुरा, आदि मुख्य वाद्ययंत्र प्रयोग किये जाते हैं
-
महिला नर्तक नृत्य के दौरान मूंगा रंग के सिल्क साड़ी एवं सोना, चंडी के गहनें पहनती है, तथा माथे पर लाल बिंदी, लाल रंग की लिपस्टिक लगाती है और बालो को फूल से सजाती है।
Classical dances of india and its artists - MCQ
Q1. निम्नलिखित नर्तिकियों में से कौन भारतीय इतिहास की पहली महिला थी जिसे राज्यसभा सदस्य के रूप में नामित किया गया था ?
- यामिनी कृष्णमूर्ति
- रुक्मिणी देवी अरुण्डेल
- माधवी मुद्गल
- हेमा मालिनी
उत्तर -- 2 रुक्मिणी देवी अरुण्डेल
Q2. यामिनी कृष्णमूर्ति किस नृत्य शैली के लिए प्रसिद्ध है ?
- भरतनाट्यम और कुचीपुड़ी
- मोहिनीअट्टम और कथकली
- कथकली और कुचीपुड़ी
- कथक और भरतनाट्यम
उत्तर -- 1 भरतनाट्यम और कुचीपुड़ी
Q3. भरतनाट्यम नृत्य किस राज्य से सम्बंधित है ?
- आंध्र प्रदेश
- कर्णाटक
- केरल
- तमिलनाडु
उत्तर -- 4 तमिलनाडु
Q4. भारतीय शास्त्रीय नृत्य की सबसे प्राचीन नृत्य कौन सा है ?
- कथकली
- कथक
- भरतनाट्यम
- मोहिनीअट्टम
उत्तर -- 3 भरतनाट्यम
Q4. भारतीय शास्त्रीय नृत्य की सबसे प्राचीन नृत्य कौन सा है ?
- कथकली
- कथक
- भरतनाट्यम
- मोहिनीअट्टम
उत्तर -- 3 भरतनाट्यम
Q5. सोनल मान सिंह किस नृत्य शैली के लिए प्रसिद्ध है ?
- भरतनाट्यम और ओडिसी
- कुचीपुड़ी और कथकली
- कथकली और कुचीपुड़ी
- कथक और भरतनाट्यम
उत्तर -- 1 भरतनाट्यम और ओडिसी
Q6. सत्रीया नृत्य किस उत्तर पूर्वी राज्य से सम्बंधित है ?
- मणिपुर
- अरुणाचल प्रदेश
- असम
- मिजोरम
उत्तर -- 3 असम
Q7. निम्नलिखित में से किस नृत्य शैली को सादिर नाम से जाना जाता है ?
- कथकली
- भरतनाट्यम
- कुचीपुड़ी
- कथक
उत्तर -- 2 भरतनाट्यम
Q8. निम्नलिखित में से किसे गरीबों की कथकली के नाम से जाना जाता है ?
- तिरुवातिरकली
- थेय्यम
- कोलकली
- ओट्टंथुल्लल
उत्तर -- 4 ओट्टंथुल्लल
Q9. केरल में सर्वाधिक प्रचलित शास्त्रीय नृत्य है ?
- कथकली
- थेय्यम
- कोलकली
- ओट्टंथुल्लल
उत्तर -- 1 कथकली
Q10. निम्नलिखित में से एक कौन एकल नृत्य नहीं है ?
- भरतनाट्यम
- कुचीपुड़ी
- ओडिसी
- कथकली
उत्तर -- 3 ओडिसी
Q11. निम्नलिखित में से कौन एक देव नृत्य है ?
- कथकली
- सत्रीया
- मोहिनीअट्टम
- कुचीपुड़ी
उत्तर -- 4 कुचीपुड़ी
Q12. कोणार्क नृत्य नृत्य उत्सव, भारत के किस राज्य में मनाया जाता है ?
- तमिलनाडु
- ओडिशा
- उत्तर प्रदेश
- अरुणाचल प्रदेश
उत्तर -- 2 ओडिशा
Q13. निम्नलिखित में से किस नृत्य शैली का सम्बन्ध देवदासी परंपरा से है ?
- मोहिनीअट्टम
- कृष्णअट्टम
- ओट्टंथुल्लल
- थेय्यम
उत्तर -- 1 मोहिनीअट्टम
Q14. निम्नलिखित में से किसे आदिवासी नृत्य शैली (गुसाडी) को जीवित रखने के लिए २०२१ में पद्म श्री से सम्मानित किया गया ?
- बिरजू महाराज
- अर्पणा सतिसन
- कनक राजू
- लच्छू महाराज
उत्तर -- 3 कनक राजू
Q15. निम्नलिखित में से कौन सा शास्त्रीय नृत्य देवदासी नृत्य परम्परा की विरासत नहीं है ?
- ओडिसी
- भरतनाट्यम
- थेय्यम
- मणिपुरी
उत्तर -- 4 मणिपुरी
Q16. टंकेश्वर हजारिका बोरबयान को भारत के किस शास्त्रीय नृत्य में उनके योगदान के लिये वर्ष 2018 में
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया ?
- मणिपुरी
- सत्रिया
- भरतनाट्यम
- कथकली
उत्तर -- 2 सत्रिया
Q17. प्रसिद्ध कवि एवं स्वतंत्र सेनानी रविंद्र नाथ टैगोर ने किस शास्त्रीय नृत्य शैली को केरल के अतिरिक्त बंगाल में लोकप्रियता दिलाई ?
- कथकली
- मणिपुरी
- भरतनाट्यम
- ओडिसी
उत्तर -- 1 कथकली
Q18. माधवी मुद्गल का सम्बन्ध किस किस शास्त्रीय नृत्य से है ?
- कथक
- मणिपुरी
- ओडिसी
- सत्रिया
उत्तर -- 3 ओडिसी
Q19. किस शास्त्रीय नृत्य में मुखौटे का उपयोग होता है ?
- सत्रिया
- भरतनाट्यम
- ओडिसी
- कथकली
उत्तर -- 4 कथकली
Q20. निम्न में में से कौन सी नृत्य शैली उन महिलाओं की व्यथा दर्शाती है, जिनके जीवन साथी घर से से दूर चले जाते हैं ?
- कथकली
- बिरह नृत्य
- कुचीपुड़ी
- भरतनाट्यम
उत्तर -- 2 बिरह नृत्य